बीमारियों और बुरी नज़र से बचने की दुआ
أَنِّي مَسَّنِيَ الضُّرُّ وَأَنتَ أَرْحَمُ الرَّاحِمِينَ
मुझे तकलीफ़ हो रही है और तू सबसे बढ़ कर रहम करने वाला है,
सुरह अल अम्बिया (21), 83-84
أَذْهِبِ الْبَاسَ رَبَّ النَّاسِ وَاشْفِ أَنْتَ الشَّافِي لاَ شِفَاءَ إِلاَّ شِفَاؤُكَ شِفَاءً لاَ يُغَادِرُ سَقَمًا
तकलीफ को दूर फरमा , ए लोगों के रब्ब और शिफा अता फरमा, तू ही शिफा देने वाला है , तेरे सिवा कोई शिफा देने वाला नहीं है ,ऐसी शिफा अता फरमा की बीमारी बिलकुल बाक़ी ना रहे.
सुनन इब्न माजा, जिल्द 1, 1619-सही
اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الْبَرَصِ وَالْجُنُونِ وَالْجُذَامِ وَمِنْ سَيِّئِ الأَسْقَامِ
या अल्लाह मैं तुझसे पनाह मांगता हूँ कोढ़ की बीमारी से , पागलपन से , जुज़ाम की बीमारी (इन्फेक्शन) से और तमाम बुरी बीमारियों से
सुनन अबू दाउद , जिल्द 1, 1541 सही
أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللَّهِ التَّامَّةِ مِنْ كُلِّ شَيْطَانٍ وَهَامَّةٍ وَمِنْ كُلِّ عَيْنٍ لامَّةٍ
मैं पनाह माँगता हूँ अल्लाह की पूरे पूरे कलिमात के ज़रिए, हर शैतान से और हर ज़हरीले जानवर से और हर नुकसान पहुँचने वाली बुरी नज़र से
सही बुखारी, जिल्द 4, 3371