ISLAMIC DUAS PRAYERS, NAAT SHAREEF VIDEOS BY MOHAMMED YUNUS
IN THIS BLOG YOU WILL FIND USEFUL ISLAMIC DUA, QURAN'S SHORT AAYAT IN VARIOUS LANGUAGES, SUFI BUZURG QUOTES AND LOTS OF INTERESTING VIDEOS OF NAAT E PAAK AND SUFI KALAMS WITH LYRICS....
Wednesday 12 October 2022
Friday 22 April 2022
21 Ramadan Shahadat e Imam Ali...
Saturday 2 April 2022
हिकायत ए मौलाना रूम र. अ. ज़िक्र की कबुलियत-1 रमजान 2022
Wednesday 28 April 2021
कोरॉना और दीगर बीमारी से बचने की दुआ (हदीस शरीफ़ के मुताबिक)
Monday 14 October 2019
Noor Ki Anjuman Fatima MANQABAT LYRICS and video september 2019
https://www.youtube.com/watch?v=sXguOvCaCdw
Monday 25 June 2018
HAR DARD KI DAWA HAI SALLAY ALA MOHAMMED WITH LYRICS
Har dard ki dawa hai Salle ala Muhammad ,Tawize har bala hai Salle ala Muhammad .
Mahebube Kibriya hai Salle ala Muhammad ,Kya Naksha khushnuma hai Salle ala Muhammad .
Kurb-e-Khuda ho hasil , Jannat me wo ho dakhil ,Jisne likha padha haì Salle ala Muhammad .
Jannat makam hoga , Dozakh haram hoga ,Gar dilpe likhdiya hai Salle ala Muhammad .
Uski najat hogi , Rahmat bhi sath hogi ,Jo padhke margaya hai Salle ala Muhammad .
Jo dard la dawa ho ye ghol kar pi lo ,Kya nuskha-e-Shafa haì Salle ala Muhammad
Saturday 19 May 2018
Importance of Sadqa Zakaat Khairaat -
रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया सदक़ा , सदक़ा करने वालों से कब्र की गर्मी को खतम कर देता है और मोमीन क़यामत के दिन अपने सदके का (यानि सदके की वजह से) साया हासिल करेगा
अस सिलसिला अस सहीहा , 1816
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सदक़ा ए ज़रिया - मौत के बाद भी एक मुसलमान को पहुँचने वाला सवाब
हज़रत अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाये मोमीन को उसके आमाल और नेकियो में से उसके मरने के बाद जिन चीज़ो का सवाब पहुँचता रहता है वो ये है
1. इल्म जो उसने सिखाया और फैलाया
2. नेक और सालेह औलाद जो छोड़ गया,
3. विरासत में क़ुरान मजिद छोड़ गया
4. कोई मस्जिद बना गया,
5. मुसाफिरो के लिए कोई मुसाफिर खाना बनवा दिया
6. कोई नहर जारी कर गया
7. ज़िंदगी में सेहत और तंदुरस्ती की हालत में अपने माल से कोई सदक़ा निकाल दिया
तो इन सबका सवाब उसके मरने के बाद भी उसको मिलता रहेगा
सुनन इब्न माज़ा, जिल्द 1, 24
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रसूल-अल्लाह ﷺ ने फरमाया जो तंगदस्त को मोहलत देगा उसको हर दिन के बदले सदक़े का सवाब मिलेगा और जो अदायीगी की मियाद गुज़रने के बाद भी मोहलत दे तो उसको दिए गये क़र्ज़े के बराबर हर रोज़ सदक़े का सवाब मिलेगा
सुनन इब्न माजा , जिल्द 2, 575-सही
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रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया सदक़ा देने से कभी माल कम नही होता. और जो बन्दा किसी को माफ़ कर देता है तो अल्लाह सुबहानहु उसकी ईज़्ज़त बढ़ा देता है, और जो बन्दा अल्लाह सुबहानहु के लिए आजज़ी (नरमी) करता है तो अल्लाह सुबहानहु उसका दर्जा बुलंद कर देता है
सही मुस्लिम, जिल्द 6, # 6592
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हज़रत अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो भी सोने और चाँदी का मालिक हो और उसकी ज़कात अदा नही करता हो तो उस सोने और चाँदी के तख्ते (प्लेट्स) बनाए जाएँगे और उसको जहन्नम की आग में गरम किया जाएगा फिर उसकी (ज़कात ना देने वाले की) पेशानी और करवटें (पहलू) और पीठ को दगा जायेगा , और जब वो ठंडे हो जाएँगे तो फिर से इनको गरम किया जाएगा और ये अज़ाब उसको उस दिन तक होता रहेगा जिसकी मिकदार (duration) पचास हज़ार साल है , फिर अल्लाह अपने बन्दों के बीच फ़ैसला फरमा देगा और वो जन्नत या जहन्नम की तरफ अपना रास्ता देख लेगा
सही मुस्लिम, जिल्द 3, 2290
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अमर बिन अल-'आस रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की एक औरत रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम के पास आई उसकी बेटी भी उसके साथ थी और उसकी बेटी के हाथ में सोने के दो बड़े बड़े कंगन थे आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने पूछा क्या आप इन कंगनो की ज़कात देते हो ? उसने कहा नही , आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया क्या आपको ये पसंद है की क़यामत के दिन अल्लाह आपको आग के कंगन पहनाए ये सुनकर उसने उसी वक़्त कंगन उतार दिए और आपकी खिदमत में पेश करते हुए कहा की ये अल्लाह और उसके रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम के लिए है
सुनन अबू दाऊद, जिल्द 1, 1550-हसन
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✦ अब्दुल्लाह बिन शद्दाद रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की हम लोग आईशा रदी अल्लाहू अन्हा से पास गये वो कहने लगी मेरे पास रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम आए आपने मेरे हाथ में चाँदी की अंगूठियाँ देखी और फरमाया , आईशा ये क्या है ? मैने अर्ज़ किया
की ये मैने इसलिए बनवाई है की आपके लिए बनाव सिंगार करूँ , आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने पूछा , क्या आप इनकी ज़कात अदा करते हो मैने कहा नही , या जो अल्लाह को मंज़ूर था वो कहा , फिर आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया ये आपको जहन्नम में ले जाने के लिए काफ़ी है (अगर तुम ज़कात नही दोगे तो)
सुनन अबू दाऊद, जिल्द 1, 1552-
To be continues....
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ख्वाजा गरीब नवाज- मोईनुद्दीन चिश्ती अजमेर
Urdu Shayri by Sahib Ahmedabadi
Sahib Ahmedabadi
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क़ुरआन करीम की ये आख़िरी दो सूरतें मुअव्वज़तैन कहलाती हैं। इन दोनों सूरतों के मक्की या मदनी ह...