मुसलमां और हिन्दू की जान कहाँ है मेरा हिन्दुस्तान,
मैं उसको ढूंड रहा हूँ – मैं उसको ढूंड रहा हूँ
मैं उसको ढूंड रहा हूँ – मैं उसको ढूंड रहा हूँ
मेरे बचपन का हिन्दुस्तान – मेरे बचपन का हिन्दुस्तान
न बंगलादेश न पाकिस्तान
मेरी आशा मेरा अरमान – मेरी आशा मेरा अरमान
वो पूरा-पूरा हिन्दुस्तान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ – मैं उसको ढूंड रहा हूँ
न बंगलादेश न पाकिस्तान
मेरी आशा मेरा अरमान – मेरी आशा मेरा अरमान
वो पूरा-पूरा हिन्दुस्तान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ – मैं उसको ढूंड रहा हूँ
वो मेरा बचपन वो स्कूल, वो कच्ची सड़कें उड़ती धूल
लहकते बाग़ महकते फूल – लहकते बाग़ महकते फूल
वो मेरा खेत मेरा खलियान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ
मुसलमां और हिन्दू की जान कहाँ है मेरा हिन्दुस्तान, मैं उसको ढूंड रहा हूँ
लहकते बाग़ महकते फूल – लहकते बाग़ महकते फूल
वो मेरा खेत मेरा खलियान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ
मुसलमां और हिन्दू की जान कहाँ है मेरा हिन्दुस्तान, मैं उसको ढूंड रहा हूँ
वो उर्दू गज़ले हिंदी गीत – वो उर्दू गज़ले हिंदी गीत
कहीं वो प्यार कहीं वो प्रीत
पहाड़ी झरनों के संगीत
देहाती लहरा पूर्वी तान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ – मैं उसको ढूंड रहा हूँ
कहीं वो प्यार कहीं वो प्रीत
पहाड़ी झरनों के संगीत
देहाती लहरा पूर्वी तान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ – मैं उसको ढूंड रहा हूँ
जहाँ के कृष्ण जहाँ के राम – जहाँ के कृष्ण जहाँ के राम
जहाँ की श्याम सलोनी शाम – जहाँ की श्याम सलोनी शाम
जहाँ की सुब्ह बनारस धाम – जहाँ की सुब्ह बनारस धाम
जहाँ भगवान करें इस्नान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ
मुसलमां और हिन्दू की जान कहाँ है मेरा हिन्दुस्तान, मैं उसको ढूंड रहा हूँ
जहाँ की श्याम सलोनी शाम – जहाँ की श्याम सलोनी शाम
जहाँ की सुब्ह बनारस धाम – जहाँ की सुब्ह बनारस धाम
जहाँ भगवान करें इस्नान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ
मुसलमां और हिन्दू की जान कहाँ है मेरा हिन्दुस्तान, मैं उसको ढूंड रहा हूँ
जहाँ थे तुलसी और कबीर – जहाँ थे तुलसी और कबीर
जायसी जैसे पीर फ़क़ीर
जहाँ थे मोमिन ग़ालिब मीर – जहाँ थे मोमिन ग़ालिब मीर
जहाँ थे रहमन और रसखान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ
मुसलमां और हिन्दू की जान कहाँ है मेरा हिन्दुस्तान, मैं उसको ढूंड रहा हूँ
जायसी जैसे पीर फ़क़ीर
जहाँ थे मोमिन ग़ालिब मीर – जहाँ थे मोमिन ग़ालिब मीर
जहाँ थे रहमन और रसखान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ
मुसलमां और हिन्दू की जान कहाँ है मेरा हिन्दुस्तान, मैं उसको ढूंड रहा हूँ
वो मेरे पुर्खों की ज़ागीर – वो मेरे पुर्खों की ज़ागीर
कराची लाहौर और कश्मीर
वो बिल्कुल शेर की सी तस्वीर – वो बिल्कुल शेर की सी तस्वीर
वो पूरा पूरा हिन्दुस्तान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ – मैं उसको ढूंड रहा हूँ
कराची लाहौर और कश्मीर
वो बिल्कुल शेर की सी तस्वीर – वो बिल्कुल शेर की सी तस्वीर
वो पूरा पूरा हिन्दुस्तान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ – मैं उसको ढूंड रहा हूँ
जहाँ की पाक पवित्र ज़मीन – जहाँ की पाक पवित्र ज़मीन
जहाँ की मिट्टी खुल्दनशीन
जहाँ महाराज मोयुद्दीन – जहाँ महाराज मोयुद्दीन
गरीब नवाज़ हिन्दुस्तान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ
मुसलमां और हिन्दू की जान कहाँ है मेरा हिन्दुस्तान, मैं उसको ढूंड रहा हूँ
जहाँ की मिट्टी खुल्दनशीन
जहाँ महाराज मोयुद्दीन – जहाँ महाराज मोयुद्दीन
गरीब नवाज़ हिन्दुस्तान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ
मुसलमां और हिन्दू की जान कहाँ है मेरा हिन्दुस्तान, मैं उसको ढूंड रहा हूँ
ये भूखा शायर प्यासा कवि – ये भूखा शायर प्यासा कवि
सिसकता चाँद सुलगता रवि
ये भूखा शायर प्यासा कवि – सिसकता चाँद सुलगता रवि
हो जिस मुद्रा में ऐसी छवि, करा दे अज़मल को जलपान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ – मैं उसको ढूंड रहा हूँ
सिसकता चाँद सुलगता रवि
ये भूखा शायर प्यासा कवि – सिसकता चाँद सुलगता रवि
हो जिस मुद्रा में ऐसी छवि, करा दे अज़मल को जलपान
मैं उसको ढूंड रहा हूँ – मैं उसको ढूंड रहा हूँ
मुसलमां और हिन्दू की जान कहाँ है मेरा हिन्दुस्तान, मैं उसको ढूंड रहा हूँ
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